नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी
राष्ट्र यज्ञ में आहूत हुए समिधा बनी जवानी
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी
दाम्पत्य सुख को त्याग सांसों में बसी रवानी
छोड़ की सारी चाहत वंदे मातरम की वाणी
प्रण पण से हम करेंगे रक्षा झुके न कभी तिरंगा
राष्ट्र प्रेम अमर रहे हिय में सदभावों की गंगा
पावस शीत और तपन में भी भारत का ध्यान
तेरे अन्न जल से ही जीवन माँ तुझको ही कुर्बान
सरहद के रखवालो तुम्हें कोटिशः करूँ प्रणाम
आज तुम्ही से रक्षित और जीवन है अभिराम।
भारत माता के सपूतों को कोटिशः नमन एवं वन्दन🌸🌸🌸🌸🌸🌸🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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