मेरे जीवन के क्षण क्षण में
माँ वसुन्धरा के कण कण में
श्री मुरलीधर तेरा ही वास है
कृष्णा सत्य का ये विश्वास है
शोभित है तुमसे जड़ चेतन
हर प्राणी के हृदय निकेतन
कोई साध नहीं मेरी जग में
तव आशीष पाऊँ मैं भव में
तेरी ज्योति से रहूँ प्रकाशित
तेरी सुरभि से रहूं सुवासित।
मुरलीधर घनश्याम की जय🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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