मेरे प्राणों के आधार नाथ प्राण तुम सब जग के
जगतनियन्ता स्वामी मान हो तुम ही भव के
हे मेरे आराध्य मैं तो आराधना करूँ तुम्हारी
तुम बिन मुश्किल नाथ जीवन की फुलवारी
हराभरा रहे जीवन उपवन कृष्ण कृपा कीजे
घेरे नहीं दुःख के बादल आशीष मुझे दीजे
करूणामयी बृषभानु दुलारी साथ तेरों चाहूं
वृजबानिक के संग तव चरणन शीश झुकाऊं।
युगलछवि को कोटिशः नमन🌸🌸🌸🌸🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डे
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