तेरे प्यार में हुई बाबरी,
तूने छीनों चेन हमारों।
तेरी सूरत देख सांवरे,
अब कोई लगे न प्यारों।।
बेगानी सी रहती हूं मैं,
पल भर भूल न पाऊँ।
सोते जगते मेरे कृष्णा,
बस तेरे ही गुण गाऊं।।
हो मेरे आलम्बन प्रिय,
प्रभु आके मोय संवारों।
तेरी सूरत देख सांवरे,
अब कोई लगे न प्यारों।।
कैसे सूरत देखूं कान्हा,
हया की लाली व्यापै।
मेरौ मन मयूर सदा ही,
माधव नाम ही जापै।।
तेरे लिए व्याकुल रहूँ,
ये जीवन तुम पै वारौ।
तेरी सूरत देख सांवरे,
अब कोई लगे न प्यारौ।।
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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