भोजपुरी होली -सिमवा पर गोली दागे
साइया भईले पहरेदार
सिमवा पर गोली दागे |
हमरो जवनिया दरदिया ना बुझे ,
देशवा के आगे उनके कुछउ न सूझे |
गावे लोगवा फगुआ लहरेदार
सिमवा पर गोली दागे |
गवना कराई सइया,पलटनिया बनी गइले ,
आई गइले फागुन साजन नथुनीया भूली गईले|
बहे फगुनी बयार,छ्छ्ने जियरा हमार ,
सिमवा पर गोली दागे |
सखिया सहेली लरकोर हो गईली |
जोहत सजनवा अंगनवा भोर हो गईली |
मारी दुशमनवा भगावा सीमापार ,
सिमवा पर गोली दागे |
श्याम कुँवर भारती
बोकारो झारखंड
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
श्याम कुँवर भारती बोकारो झारखंड
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