ओज कविता –भारत की मुस्कान लिखुंगा
कहोगे मुझसे मै तो नाम हिंदुस्तान लिखुंगा ।
एक बार नहीं सौ बार नहीं शुबहों शाम लिखुंगा ।
नही भुला मै महाराणा के भालाऔर चेतक को ।
बीर भुजाए ऊंचा ललाट मातृभूमि के रक्षक को ।
अंतिम दम लड़नेवाला भारत का स्वाभिमान लिखुंगा ।
वीर शिवाजी लक्षमी बाई की वीर गाथा गाउँ ।
सम्राट अशोक विक्रमादित्य को सिर माथा नवाऊँ ।
भारत माता चरणों का जुग जुग दास्तान लिखुंगा ।
बंद आंखो से बेध दिया सीना गोरी पृथवी राज ने ।
चंदबरदाई ने किया कविता इसारा कविराज ने ।
गाजर मुली जैसा काटा मुगलो का कब्रिस्तान लिखुंगा ।
साल नहीं दो साल नहीं हजारो साल इतिहास हमारा है ।
संग्राम हजारो झेला हमने फिर भी भारत खास सवारा है ।
नहीं मिटा है नहीं मिटेगा भारत का घमासान लिखुंगा ।
गंगा यमुना सरस्वती चरण पखारती है जिसका ।
चोटी हिमालय सिर ऊंचा उठाती है जिसका ।
चहके चहु सोन चिरइया भारत का मुस्कान लिखुंगा ।
श्याम कुँवर भारती ,बोकारो ,झारखंड
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें