श्याम कुँवर भारती [राजभर] कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,

भोजपुरी होली 9 – कारी केसिया के झार |
बहे लागल फागुनी बयार |
मह मह महके अमवा मोजरवा |
छन छन छनके महुआ के कोचवा |
अईले नाही सईया तोहार |
गोरिया कारी केसिया के झार |
पियर सरसो फुला गईली |
हरियर मटर गदराई गईली |
झीनी झीनी बहे पुरवा बयार | 
गोरिया कारी केसिया के झार |
बैरी पवनवा दरदिया बढ़ावे बदनवा |
महुआ के कोचवा चुएला मदनवा |
सजनी चले अचरा के उड़ाय |
गोरिया कारी केसिया के झार |
फुलवा फुला गईले भवरा लोभाई गईले |
चढ़ते फगुनवा सजनवा कोहाई गईले |
सजनी करेली सोरहो सिंगार |
गोरिया कारी केसिया के झार |
बहे लागल फागुनी बयार |


श्याम कुँवर भारती [राजभर]
कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,


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