सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
       *"गम"*
"छट जायेगी गम की बदली,
होगी खुशियों की -
जीवन में बरसात।
खिलेगा का जीवन में साथी,
अपनत्व का इन्द्रधनुष-
मिट जायेगा गम का साया।
साथी साथी होगा जो साथी,
चलेगा संग देगा हर पल -अपनत्व का अहसास।
मिटेगी कटुता जीवन से,
महकेगी जीवन बगिया-
छायेगा मधुमास।
होगी न गम छाया कही,
जीवन में पग पग -
गहरायेगा विश्वास।
छट जायेगी गम की बदली,
होगी खुशियों की-
जीवन में बरसात।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःः
            सुनील कुमार गुप्ता


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...