सुनील कुमार गुप्ता

कविता;-
    *" खामोशी"*
"तूफान से पहले की खामोशी,
प्रलय ले आती है-
साथी जीवन मेंं।
मन में उठते बवंडर को,
रोक न पायेगे-
साथी जीवन में।
बढ़ती रहे जो कटुता मन में,
शांत रहेगा न कभी-
साथी जीवन में।
खामोश रह कर भी तो,
सब कुछ कह देते नैन-
साथी जीवन में।
खामोशी अच्छी नहीं जब,
संग साथी हो-
साथी जीवन में।
संग चल कर भी खामोश रहे,
क्यों -पाली नफरत इतनी-
साथी जीवन मे।
तूफान से पहले की खामोशी,
प्रलय ले आती है-
साथी जीवन में।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःः         सुनील कुमार गुप्ता


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