कुछ बातें......
है इस जहाँ में कुछ तो रिश्ते अजीब से.
यहाँ दोस्तों के चेहरे कभी लगते रकीब से.
कुछ दूर चलने वाले हर मोड़ पर मिलेंगे,
हमराह ज़िन्दगी में मिलते हैं नसीब से.
जीवन कितना अनमोल है
पूछो रेत पर तड़पती मछलियों से
रिश्ता होता है कितना नाजुक दोस्ती का,
पूछो बिगड़ती हुई अंतरंग सहेलियों से,
कुछ लोग तो ज़माने में समझ नहीं पाते.
गुजर जाती है ताउम्र उनकी पहेलियों से.
अच्छे -बुरे की पहचान हम तुम्हें बताए कैसे,
पूछ लो ये हमारे धड़कते दिल से.
जिसे तुम अपना समझो,
उसकी बातों को मान लिया करना.
"उड़ता "ये दुनिया बहुत ज़ालिम है,
हर किसी पर ना भरोसा करना.
द्वारा - सुरेंद्र सैनी बवानीवाल
संपर्क - 9466865227
झज्जर ( हरियाणा )
udtasonu2003@gmail.com
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