सुरेंद्र सैनी बवानीवाल  संपर्क - 9466865227 झज्जर (हरियाणा )

जाना चाहा... 


जब उसने मुझसे दूर जाना चाहा. 
दिल ने उसे रोककर, कुछ कहना चाहा. 


उसने हंसकर कह दिया जो अलविदा, 
दिल ने अकेले में आँसू बहाना  चाहा. 


उसके बिछुड़ने का सबब दर्द दे रहा, 
दिल कुछ सोचकर बहुत घबराया. 


छोड़ कर चला गया साथ वो मेरा, 
जैसे मेरी पूरी ज़िन्दगी ले गया. 


उसका वही अक्स हर वक़्त मेरे सामने, 
उसके जाते -जाते मैंने हाथ हिलाना चाहा. 


नज़रें उसे ओझल होते देख थक गयी, 
मैंने फिर भी एक बार मुस्कुराना चाहा. 


मत रोक जाने वाले को "उड़ता ", 
तुमने लफ़्ज़ों को जोड़ नज़्म बनाना चाहा.


द्वारा - सुरेंद्र सैनी बवानीवाल 
संपर्क - 9466865227
झज्जर (हरियाणा )


udtasonu2003@gmail.com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511