सुषमा मलिक "अदब" रोहतक (हरियाणा)

"मेरी महबूबा, खाकी वर्दी"


हर पल रहती ये साथ मेरे, और कहती मैं तेरी महबूबा हूं!
ये डूबी है मेरी मोहब्बत में, मैं इसकी मोहब्बत में डूबा हूं!!
समझकर इसे महबूबा अपनी, मैं इस पर जान लुटाता हूँ!
हर साल मैं इसी के साथ, अपना वैलेंटाइन डे मनाता हूं!!


देखकर इसकी शान निराली, ये मेरे दिल को भा जाती है!
फौलादी सीना तन उठा, जब ये मेरे तन पर छा जाती है!
ये सजाती मेरे तन को, मैं खून से इसकी मांग सजाता हूं!
हर साल मैं इसी के साथ, अपना वैलेंटाइन डे मनाता हूं!!


होली, दीवाली, दशहरा जो हो, या हो त्यौहार राखी का!
मेरे तन पर तो पहरा रहता, बस मेरी इस वर्दी खाकी का!!
इसका साथ पाकर मैं, अपना अब घर गाँव भूल जाता हूँ!
हर साल मैं इसी के साथ, अपना वैलेंटाइन डे मनाता हूं!!


इस खाकी वर्दी पर ही तो, हर फौजी की जान कुर्बान है!
जय हिंद बोल उठे "मलिक", देख  देश का हर जवान है!
इसे पहन हर चोटी पर,  देश का तिरंगा झंडा लहराता हूं!
हर साल मैं इसी के साथ, अपना वैलेंटाइन डे मनाता हूं!!


सुषमा मलिक "अदब"
रोहतक (हरियाणा)


Sushma Malik D/0 Sh. Karan Singh Malik
House no. 3103/1
Shastri nagar, hissar by pass, Rohtak (haryana)
Cont. No. 9813434791, 8199900463


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