!!जय श्री महाँकाल
भवद्भक्तस्य संजात भवद्ररुपस्य मेsधुना ।
त्वामात्मरुपं संप्रेक्ष्य तुभ्यं मह्म नमो नम:।।
अर्थात -में तुम्हारा भक्त हूँ ! अब तुम्हारा जो रुप है ,वही मेरा रुप होकर प्रकट हुआ है ।(क्योंकि में भक्ति के प्रभाव से तुम्हारा सारुप्य प्राप्त कर चुका हूँ । )
इसलिए इस समय तुम्हारा ही आत्मरुप में अथवा निज रुप में दर्शन करता हुआ तुमसे अभिन्न जो में हूँ ,ऐसे मुझे और मुझसे अभिन्न जो तुम हो ,ऐसे तुम्हें नमस्कार करता हूँ ।
दयालु कृपालु भगवान
🎋🍁द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे उज्जैन स्थित बाबा महाँकाल का आज प्रातः 4 बजे का भस्मारती श्रृंगार दर्शन। 8 फरवरी, 2020, शनिवार
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