जयश्रीतिवारी खंडवा

कोरोना
कोरोना ,कोरोना ,कोरोना
तेरे नाम क्या रोना?
कितना भी तू कहर ढाले
लोगों को नहीं सुधार पाएगा
मेरे देश के लोग इतनी आसानी से नहीं सुधर पाएंगे
मृत्यु सामने खड़ी हो तो भी
अपने कर्मों से बाज नहीं आएंगे
इंसान चाहे तो पल में अपने आप को सुधार ले
नहीं तो कितने भी जन्म ले ले
उन्हे सुधार पाना मुश्किल है
क्योंकि, इंसान के अंदर ही सुधरने की प्रवृत्ति होना चाहिए
वरना स्वाइन फ्लू, सुनामी, कोरो ना, कितने भी बड़े-बड़े दिग्गज आ जाएं
मेरे देश के लोगों को सुधार ना पाए
कोरोना तुम कुछ ऐसा कर जाओ
मेरे देश के लोगों के मन में त्याग ,पीड़ा, ममता ,उदारता भर जाओ
ताकि और कुछ नहीं हम ईश्वर को जाकर जवाब दे सके
हमारे अंदर की विचारों को बदल सकें
और इसी जन्म में ही लोगों के साथ किए गए बुरे बर्ताव का प्रायश्चित कर सकें
जयश्रीतिवारी खंडवा


 


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