मधु शंखधर स्वतंत्र* *प्रयागराज

*मधु के मधुमय मुक्तक*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
*अनुमान*
पूर्वानुमान जो करे,देता वह संदेश।
मिले सदा संज्ञान से,जीवन को परिवेश।
सत्कर्मों की राह में, मनुज बढ़ाए शान,
मिल जाए मंजिल उसे,बनता वो अखिलेश।।


बैरी भी माने उसे, जो करता अनुमान।
पूर्वनियोजित बात से, करता है संज्ञान।
होती हो गर कल्पना, रुक जाता नुकसान,
जीत दिलाता है सदा, साहस ही पहचान।।


शक्ति जीत इक साथ हो, तब आता विश्वास।
जो जीवन अनुमान से,करता नव आभास।
सहज सफल वो ही बने,बन जाता है मान,
मानव *मधु* वो श्रेष्ठ है, वो है सबसे खास।।
*मधु शंखधर स्वतंत्र*
*प्रयागराज*
🌹🌹सुप्रभातम्🌹🌹


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