मधु शंखधर स्वतंत्र* *प्रयागराज

*मधु के मधुमय मुक्तक*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷


दर्द उसे होगा अधिक,जिसके मन में प्यार।
दर्द जगे अनुभूति से, जब मिल जाए हार।
रिश्ते सारे झूठ से, करना यह महसूस,
सच्चा रिश्ता बस वही, जिसमें प्यार अपार।।


रिश्ते सजते नेह से, सहज ह्रदय आभास।
दर्द मीत का जान ले,वह ही होता खास।
करे प्रीत की रीत में, बातें सब स्वीकार,
प्रीत वही जो मीत का, दर्द करे अहसास।।


दूजे- अपने एक से, ऐसा हो जब भाव।
दर्द सभी महसूस यूँ, ज्यूँ निज का ही घाव।
देश बने समृद्ध वो, जिसका यह इतिहास,
मधु जीवन की कल्पना,सबसे रहे लगाव।।
*©मधु शंखधर स्वतंत्र*
*प्रयागराज*
*04.03.2020*
🌹🌹 *सुप्रभातम्*🌹🌹


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