ये बीमारी भी एक दिन टल जाएगी
घर से बाहर निकलना ना यारों
जिंदगी फिर तुम्हारी सवर जाएगी
बात मानो सभी का ओ प्यारों
यह बीमारी भी एक दिन टल जाएगी
बंद कर लो स्वयं को घरों में
वरना अर्थी सभी की निकल जाएगी
टास्क लेकर लगाओ तू मास्क
अब कब तुझको अक्ल आएगी
घर से बाहर.......
कोई लक्षण दिखे जो यारा
एक सौ बारह का ले लो सहारा
अपने घर में रहो तुम अकेले
टीम खुद घर तुम्हारी चली आएगी
घर से बाहर.......
हाथ धो तू सेनेटाइजर लगाओ
साफ सफाई की आदत बनाओ
ये जंजीर टूटी जो इसकी
फिर आजादी तुम्हारी आ जाएगी
घर से बाहर.......
केहुनी में खासा करो ना
न सताए किसी को कोरोना
तू आदत अच्छी धरो ना
वरना तस्वीर तुम्हारी लटक जाएगी
घर से बाहर.......
"आजाद" लगाओ ना सड़कों पर मेले
अपने घर में रहो तुम अकेले
जो दूरी सबूरी नहीं है
घर की क्यारी प्यारी बिखर जाएगी
घर से बाहर.......
प्रधानमंत्री का यही है आश्वासन
बात तो सुन लो कहे जो प्रशासन
जरूरत मंद को देना तुम राशन
पुण्य है बस यही कब अक्ल आएगी
घर से बाहर.......
आचार्य गोपाल जी
उर्फ
आजाद अकेला बरबीघा वाले
प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा शेखपुरा बिहार
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