खुद मगर वो मुस्कुराते है बहुत
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प्यार से उनको सताते है बहुत,
दिल उन्ही से हम लगाते है बहुत ।।
वो कमाई खा गए जनता की सब
और कहते है कमाते है बहुत ।।
वो किसी से सच कभी कहते नही
झूठा सबको वो बताते है बहुत ।।
है दिखाने को नही कुछ पास में
शान अपनी भी दिखाते है बहुत ।।
औरतों का ही जमाना है यहाँ
फिर भी इक दिन को मनाते है बहुत।।
ज़िन्दगी कर दी उन्ही के नाम अब
साथ उनसे वो निभाते है बहुत।।
है हया आँखों में दिल में प्यार है
खुद मगर वो मुस्कुराते है बहुत ।।
** आलोक मित्तल **
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