आलोक मित्तल ** ** रायपुर **

है जंग ये लड़ा करो,
घर पर जरा रहा करो !!


गर बचानी है जिंदगी, 
अपने लिए दुआ करो !!


जीवन बना लो इक नदी
निर्मल हो के बहा करो !!


यूँ मत चला  दिमाग ये
दिल की कभी सुना करो !!


मत कर कभी इधर उधर,
कुछ पेट में रखा करो !!


आदत बना किताब की,
हर दिन जरा पढ़ा करो !!


अपनो के बीच रह के ही,
हर चाल मत चला करो !!


** आलोक मित्तल **
** रायपुर **


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