गीत : रह गया हूँ मैं अकेला
क्या करूँ अब रह गया हूँ मैं अकेला!
कौन तुम पतवार ले आये बचाने?
कौन तुम प्रियतम मुझे आये बुलाने।
थामकर तुमने मुझे उस पल बचाया,
छुट गया था प्राण का जब दूर मेला।
हो गया निर्जीव तुमने जान डाली।
वेदना की धूलि तुमने छान डाली।
है नया उपहार सासों का दिया फिर,
भूल सकता क्या भला वो रास बेला!
छोड़ दी चुपचाप है तुमने डगर वो।
और सूना कर दिया मेरे नगर को।
पर तुम्हारी राह आंखें देखती हैं,
हो सकेगा क्या हृदय फ़िर से दुकेला?
@ अभिषेक ठाकुर
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