अंजू प्रजापति सहारनपुर

तमाम पापा के लिए


ये पापा भी कितने अजीब होते हैं
पहले तो बेटी के आने की खुशी में आंसू बहाते हैं


ओर जब बेटी बड़ी हो जाती है
उसकी विदाई पर आंसू बहाते हैं
ये पापा सच में बड़े अजीब होते हैं


सही कहा है किसी ने
बेटी का बाप होना आसान नहीं
एक छोटे-से पौधे को पेड़ बनाकर विदा करना पड़ता है
अपने कलेजे के टुकड़े को दिल से
 जुदा करना पड़ता है


पहले अपनी बेटी को एक शहजादी की तरह पालते हैं
फिर एक दिन उसी शहजादी को दूसरे के हवाले कर देते हैं
ये पापा भी बड़े अजीब होते हैं


अपनी बेटी के खातिर दुनिया से लड़ जाते हैं उसकी खुशी के खातिर आंसू अपने छीपाते है
फिर भी पता नहीं अपनी बेटी को 



 विदा कर  इतना बड़ा गम सह लेते हैं पता नहीं क्यों ये पापा इतने पत्थर दिल हो जातें हैं
ये पापा सच में बड़े अजीब होते हैं


देखो इन पापा लोगों को
बेटी के सामने मुस्कुराता हुआ चेहरा कैसे दिखाते हैं
फिर बेटी की विदाई पर आंसू सारा दर्द बयां कर देते हैं
ये पापा भी बड़े अजीब होते हैं


कैसे बयां करुं पापा को शब्दों में
ये पापा तो सच में बड़े अजीब होते हैं


ये अपनी नन्ही गुड़िया को पाल-पोस कर पता नहीं कैसे अपने से जुदा कर देते हैं
ये पापा सच में बड़े अजीब होते हैं


ये पापा सच में बड़े अजीब होते हैं



अंजू प्रजापति


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