अंजुमन मंसूरी 'आरज़ू'

कविता दिवस


वैसे तो हमारा हर दिन #कविता_दिवस है, किंतु फिर भी आप सभी को विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🎉🎉🎉🙏🙏🙏


              
        #कविता_पर_कविता 


ये जीवन एक कविता सा या कविता है ये जीवन सी,
कभी तो मुक्त बहती है कभी छंदों के बंधन सी ।


मुझे जीवन की कविता का सदा हर रूप भाता है,
कभी ग़म की चुभन गाती कभी खुशियों के गायन सी ।


उड़ाने कल्पना की भर के वापस लौट आती है,
कभी ये मेघदूतम सी कभी वेदों के वाचन सी ।


युगों के बाद भी कविता दिलों में राज करती है,
कभी ग़ालिब की ग़ज़लों सी कभी मीरा के मोहन सी ।


रगों में ख़ून बन कर बह रही है अब यही सरिता,
बसी है 'आरज़ू' के मन में कविता देख धड़कन सी ।


    -अंजुमन मंसूरी 'आरज़ू' ©®✍
21/03/2019
छिंदवाड़ा मप्र


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