बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा - (बिन्दु) बाढ़ - पटना

कोरोना


न  हाथ  मिलाओ न गले लगाओ
कोरोना  को   अब   दूर  भगाओ।


संक्रमित    एक    रोग   है   ऐसा
लगे   तो   गहरे   सोग   के  जैसा।


दुखों  की घड़ी आई हम सब पर
उसको हम दूर करें सब मिलकर।


सतर्क  रहें  और  सतर्क  करें हम
बिन मतलब का ना तर्क करें हम।


सुनो   रे   भैया   सुनो   रे  बहना
साफ - सफाई  में  तुम भी रहना।


श्वसन   क्रिया  बंधित  हो  जाती
गति  हृदय  की कंपित हो जाती।


लगती   हुई   जैसे  सर्दी - खाँसी
बुखार  दर्द  में  पड़  गयी  फ़ाँसी।


नाक - आँख  को  ना छूएँ हरदम
हाथों  में   ही   तेरा   है   दमखम।


भीड़ - भाड़ में तुम मत ही जाओ
ताजा   सादा  ही  भोजन  खाओ।


पूरे  देश  भारत  का  है  समर्पण
इससे   ही  होगा  उसका  तर्पण।


बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा - (बिन्दु)
बाढ़ - पटना


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