नज़राना
सदाक़त की बातें भी होती रहेंगी
मुहब्बत की बातें करो धीरे - धीरे।
सियासत की बातें, ना करना कभी भी
हिफाज़त की बातें, करो धीरे धीरे।
हिदायत की बातें, बताना सभी को
सलामत की बातें, करो धीरे - धीरे।
कयामत की बातें, ना करना कभी भी
इबादत की बातें, करो धीरे - धीरे।
शोहरत की बातें, तो होती सदा है
सोहबत की बातें, करो धीरे - धीरे।
शहादत की बातें, स्वाभिमान रखता
महारत की बातें, करो धीरे - धीरे।
नज़ाकत की बातें, लगे सबको प्यारी
शरारत की बातें, करो धीरे - धीरे।
अमानत की बातें, तो अपनी जगह है
शराफ़त की बातें, करो धीरे - धीरे।
बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा - बिन्दु
बाढ़ - पटना
9661065930
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