डा.नीलम

*लक्ष्मण रेखा*


मानकर स्वयं को लक्ष्मण
बना लो सुरक्षा कवच
स्वयं ही अपने इर्द-गिर्द
मानकर लक्ष्मण रेखा


है मांग समय की कर लो
अपने आप को थोड़े दिन
अपने लोगों के लिए ही
अपने घर में बंद


है कलियुग रावण नहीं है
मगर है कोरोना निशाचर असूर ,अदृश्य होकर कर रहा हर जगह वो वार


देवघरों के करके पट सब बंद,देव भी सब आ गये
करने सुरक्षा और रक्षा धरा की,अपने गणों के संग


आ गये सब धरती पर
पहन के वरदियां कर्म की
कर रहे मुस्तैदी से 
दिन रात सेवा देशवासियों की


पर सीमाओं में वो भी बंधे पहुँच ना सकते हर ओर हमको ही करने पड़ेंगे
बचने के चंद उपाय


राम और लक्ष्मण सरीखे
कर रहे हैं युद्ध कोरोना असूर से अपनी-अपनी हद में
अब अपने लिए स्वयं ही खींच लें लक्ष्मण-रेखा आप


       डा.नीलम


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