हर आपदा से हम जीतकर आये सदा,
इस आपदा से जंग जीतकर आयेंगे।
हमने भगाया जैसे डेंगू, गुनिया चिकुन,
उसी भाति कोरोना को देश से भगयेंगे।
कभी नहीं घबराएँ आती जाती आपदाएं,
जल्द हम इससे भी छुटकारा पायेंगे।
कुछ दिन धीरज से रहो मेरे देशवासी,
देश जीतेगा हमारा कोरोना हरायेगे ।।
रचनाकार
डा0विद्यासागर मिश्र "सागर"
लखनऊ उ0प्र0
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
डा0विद्यासागर मिश्र "सागर" लखनऊ उ0प्र0
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