देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी"

...........भारत की नारी...........


दुनियाँ में विचित्र है, भारत की नारी।
पृथ्वी पर पवित्र है, भारत की नारी।।


घर,समाज,राष्ट्र,विश्व के  निर्माण में ;
बहुत ही सक्रिय है,भारत की नारी।।


सब के उन्नति-पथ प्रशस्त करते हुए;
बहुत ही झेलती है,भारत की नारी।।


बाधाओंऔर विपत्तियों मेंअडिग हो;
सशक्त दिखती है,भारत की  नारी।।


कर्म के सभी क्षेत्रों में,देश-विदेश में;
परचम लहराती है,भारत की नारी।।


कुछ नारियों के  कर्मों के  बदौलत ;
बदनामभी होती हैभारत की नारी।। 


जीवनसाथी के साथ सामंजस्य से ;
"आनंद"फैलाती हैभारत की नारी।।


-----देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी"


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