देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"

सुप्रभात:-


सूर्य की तरह  शाश्वत हो पृथ्वी  का इतिहास।
सागर की तरह निर्मल हो जीवन का विश्वास।


------- देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"


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