कोरोना पर केंद्रित एक गीत
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जीवन के हर मोड़ पे देते,
गुरुजन निशिदिन राय।
मिले सफलता निश्चित हमको,
करलो सही उपाय।
बाद में क्यों रोना----
अनायास मत छुओ किसी को,
मिले न वैरी हाथ।
सभी असम्भव सम्भव कर लें,
ना पकड़ें हम साथ।
मल मलकर हम हाथ रगड़ लें,
बाद में क्यों धोना--------
जब दिखता हो सामने संकट,
दो मीटर दूर रहें।
हैं दुर्गन्धों के घने कोहरे,
उनको बाय कहें।
समय शेष रहते ही कर लें,
बाद क्यों खोना--------
खांसी खुल्लड और स्वांस के,
हैं जीवन के रोग।
घण्टे एक परिश्रम के संग,
प्राणायामी योग।
उचित समय पर फसल उगालें,
बाद में क्यों बोना---------
विषम परिस्थिति पड़े नअपनी,
कभी कुंद भी धार।
लोग हमारी बातें मानें,
ज्यों ताज़ा अखबार।
शत प्रतिशत जीवन को जीलें,
बाद में क्यों पोना-------
डॉ राजीव पाण्डेय
1323/भूतल,सेक्टर 2
वेबसिटी, गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश)
मो0 09990650570
ईमेल-kavidrrajeevpandey@gmail.com
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