"कोरोना वायरस के नाते"
आज हम घर को साफ कर रहे हैं,
स्वच्छता दिवस मना रहे हैं।
लोग अपने-अपने घरों आनन्द ले रहे हैं,
मस्ती से जिन्दगी काट रहे हैं।
लोग मस्त हैं,
फ्रीज टीवी कूलर आरो खिड़की दरवाजों आदि की सफाई में व्यस्त हैं।
बीबी बच्चों एवं परिजनों से बातें हो रही हैं,
सबकी आँखें एक दूसरे को देख रही हैं।
क्या बात है,
मनोरंजक मुलाकात है।
लोग कोरोना को भूल गये हैं,
मौज मस्ती में झूम गये हैं।
यह तो पर्व लग रहा है,
सुखद अनुभूति पर गर्व हो रहा है।
हमारे सुख को देखकर कोरोना जल रहा है,
जल-जल कर खाक हो रहा है।
कोरोना!तुम खूब जलो,
हमें थिरकने दो
मचलने दो।
मजा आ रहा है,
कोरोना सजा काट रहा है।
कोरोना साला भागेगा,
अब पूरा संसार जागेगा।
भारतीय संस्कृति अब जाग गयी है,
पवित्रता आ गयी है।
मानव मन मेँ अमन-चैन है,
कोरोना बेचैन है।।
दुर्योधन हार रहा है,
पाण्डव खूब मार रहा है।
रावण का अंत हो रहा है,
राम का शंख बज रहा है।
हम सावधान हैं,
जंगे -एलान है।
नमस्ते हरिहरपुर से---
डॉ रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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