डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

"अच्छा नेता"


साफ-स्वच्छ जिसकी छवि होय, राजनीति में कदम रखे वह.,
पारदर्शिता का हो भाव, करे समर्थन सदा न्याय का.
सच्चाई ही जिसका धर्म, वह नेता बनने लायक है.,
नहीं अनर्गल वार्तालाप, नपा-तुला हर बात कहे वह.,
सुने-गुने सबकी हर बात,दे निष्कर्ष वस्तुनिष्ठ होकर.,
पक्षपात से कोसों दूर,दे निर्णय निष्पक्ष अनवरत.,
जिससे हो सबका कल्याण, उसी कर्म पर ध्यान रखे वह.,
सुने समस्या हो गंभीर, समाधान के लिये चल पड़े.,
मीठी भाषा मीठे बोल, से ही बात करे वह सबसे.,
दिल-दिमाग का इस्तेमाल, करता रहे कार्य सुन्दर में.,
सदा असुन्दर से हो दूर, सबके हित की करे चिंतना.,
मानवता में हो विश्वास, मानव सेवा हेतु समर्पित.,
हो निर्भीक निडर चालाक, बुद्धिमान अनुभवी कुशल हो.,
कहे बहादुर सा हर बात, अधिकारी से नहीं डरे वह.,
सदा संतुलित हो सब बात, बहुत संयमित जीवनशैली.,
रहे समय का नित पावन्द, समय-मूल्य को दिल से समझे.,
सदा साधना में हो लीन, बन जाये अति सुन्दर ढाँचा.,
दलितों का संवेदनशील, बनकर नित उद्धार करे वह.,
पूर्वाग्रह से होकर मुक्त, न्यायोचित व्यवहार करे वह.,
प्रिय कर्मों के प्रति सम्मान, दे कर्मों को शुभ परिभाषा.,
जिसमें ऐसे गुण मौजूद,समझो उसको अच्छा नेता।


रचनाकार:


डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...