"सच्चा योद्धा"
एक योद्धा लड़ रहा है झूठ से,
सत्य की तलवार लेकर हाथमें.,
बढ़ रहा है युद्ध के मैदान में,
है अकेला न्यायध्वज बस साथ में.,
तप रहा है प्रज्ज्वलित ज्ञानाग्नि में,
यज्ञ वेदी पर खड़ा हो सन्त सा.,
दे रहा उपदेश सारे विश्व को,
निडर नैतिक सा खड़ा है पास में.,
मौन होकर लड़ रहा है कह रहा-
मत फँसो तुम मोह-माया जाल में.,
तोड़कर जंजीर सारे बंधनों की,
चल निकल तू शान्ति-पथ की आस मेँ.,
थक गये हो शान्त कर लो,
प्यास अपनी शान्ति से.,
दूर से चमको नहीं,
चमको स्वयं की कांति से
नमस्ते हरिहरपुर से---डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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