"सुंदरा"
सुंदरा की चादरों पर नाम लिख,
त्याग का संदेश देते राम लिख,
कागजी संसार का क्या अर्थ है,
प्रेम का इजहार करते श्याम लिख।
चेतना के द्वार का विस्तार कर,
जटिल जड़ की वासना पर वार कर,
ज्ञान में ही रमण करना ध्येय हो,
बुद्ध के संमार्ग की रफ्तार धर।
पंथ पावन चिन्तना का अनुगमन,
छोड़ चल उसको करे जो विषवमन,
मत बनाना ताड़ तिल का बन्धुओं,
ठहर जाओ देख प्रिय शिव आगमन।
हृदय को आकार दो इस जगत का,
सुन सदा संवाद प्यारे हृदय का,
पूजिये संसार को रख ह्रदय में,
गुनगुनाओ गीत गाओ प्रणय का।
हो अहर्निशं राम की ही भावना,
रात-दिन हो विश्व की शुभ कामना,
सुन्दरालय सा बने उरधाम- मन,
सुंदरा हो सुन्दरी सद्भावना।
नमस्ते हरिहरपुर से---
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।
9838453801
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