डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी।

"मधुर मिलन"


प्रेम सुधा रस जहां बरसता,
समझो उसको मधुर मिलन।


जहां टपकता स्नेह नेत्र से,
जानो उसको मधुर मिलन।


मीठी-मीठी जहां बात हो,
उसे समझ लो मधुर मिलन।


दिल से दिल जब मिल जाये तो,
समझो उसको मधुर मिलन।


जहां त्याग की ही हों बातें,
इसे जान लो मधुर मिलन।


पैसा नहीं प्रेम ही सबकुछ,
इसे जान लो मधुर मिलन।


मिलने पर यदि मन प्रसन्न हो,
समझो इसको मधुर मिलन।


मिलने पर संतुष्टि मिले यदि,
मान लो इसको मधुर मिलन।


बातें हों अरु बातें ही हों,
समझो इसको मधुर मिलन।


जी न भरे हो संग हमेशा,
जानो इसको मधुर मिलन।


रहे मिलन की सदा तमन्ना,
यह असली है मधुर मिलन।


मिलते रहें प्रेम से प्रति दिन,
समझो उसको मधुर मिलन।


ऊब न जाएं कभी बात से,
समझो उसको मधुर मिलन।


अपनेपन का हो यदि अनुभव,
समझो उसको मधुर मिलन।


मन में हो यदि हर्षोल्लास,
जानो उसको मधुर मिलन।


नमस्ते हरिहरपुर से---डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी।
9838453801


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