"मादकता"
रसाकार अति रम्य सुरम्या,
अति सुरभित आसवी अगम्या,
महा बोधिका हृदय अवस्थित,
तरला सरला दिव्या मन्या।
मह मह मह मह मह मह महकत,
चम चम चम चम चम चम चमकत,
नित्य नवेली नित नित्येश्वरि,
महा मुद्रिका दम दम दमकत।
मन्मथ मनसिज कामदेव रति,
मनोरमा मद मादकमय मति,
सहयोगिनि संयोगिनी सहचर,
महा -कामिनी मदना मनपति।
महा रूपसी सुन्दर देहा,
उत्पादित करती सुख स्नेहा,
सहज सुशोभित मन में बैठी,
तुम प्रसन्न अतिशय प्रिय गेहा ।
नमस्ते हरिहरपुर से---डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।
9838453801
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