"श्री सरस्वती अर्चनामृतम"
अति मायामय देहमय मायातीत विदेह।
सबमें रमती मां तुम्हीं सचमुच निःसन्देह।।
अथक परिश्रमी तिहुँपुरवासिनि।नित्य साधिका ज्ञानगामिनी।।
मायातीत महामन मान्या।त्रिगुण स्वरूपा ध्यान अगम्या।।
ब्रह्म ब्रह्ममय वर ब्राह्मण हो।सकल लोकमय शुभ दर्पण हो।।
कृपा कृपालु करुण करुणाकर।कर्त्ता कर्म क्रिया कृति करगर।।
दिव्य दानमय दान दिवाकर।दिवस दिशा -दस द्रव्य दिव्यधर।।
शान्त प्रशान्त सुशान्त सुशासन । शिव सम सुधी शिवा सुख सावन।।
दानव -दलन-दमन दैत्यारी।अतिशय अर्थकरी महतारी।।
बैठ हंस पर गीता गाओ।मां सरस्वती !शरद बहाओ।।
तेरा आशीर्वाद चाहिये।माँ ममतामय प्यार चाहिये।।
रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।
9838453801
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