"हाहाकार"
हाहाकार मचा है जग में,
मचा हुआ कोहराम सब जगह,
कैसे भागेगा कोरोना?
फैल रहा यह घोर भयंकर।
अफरातफरी मची हुई है,
आपाधापी मेँ ही जीवन,
कैसे मानव बचें सुरक्षित?
यक्ष प्रश्न यह आज बना है।
चौतरफा है तालाबन्दी,
सभी जगह मंदी ही मंदी,
करने को हादसा कोरोना,
चाल चल रहा मारक गन्दी।
ठप पड़ गयी है जनसंख्या,
अलग-थलग मानव की संख्या,
भयाक्रांत है सारी दुनिया,
क्या घट जायेगी जनसंख्या?
कोरोना की फौज भयानक,
दौड़ रही सर्वत्र अचानक,
चीन अनैतिक कर्मी गन्दा,
सदा प्रदूषित संस्कृति मानक।
कोरोना से लड़ो बहादुर,
साफ-स्वच्छ बनने को आतुर,
धैर्य न खोना मेरे मित्रों,
कुचलो दुष्ट-कोरोना-माहुर।
दूषित अपसंस्कृति को कुचलो,
भारतीय संस्कृति पर उछलो,
हाथ जोड़कर मिलो सभी से,
निर्मल पावन कृति पर मचलो।
कोरोना का सर्वनाश कर,
शुचि भावों से उसे मारकर,
निष्क्रिय कर दो कोरोना को,
उसके विषमय कृत्य जारकर।
नमस्ते हरिहरपुर से---
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।
9838453801
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें