"स्वप्न देख सुन्दर चीजों का"
(वीर छंद में)
प्रति पल रखना अच्छी सोच, देख स्वप्न सुन्दर चीजों का.,
कर अपना नैतिक उपचार, स्वप्न देख सुन्दर बनने का.,
बनने पाये कभी न ग्रन्थि, रखो हृदय को साफ हमेशा.,
मन के कलुषित भाव निकाल, हाथ जोड़कर मिलो सभी से.,
सेवा करने की ही सोच, चिन्तन मनन सदा हो पावन.,
सदा प्रीति से नाता जोड़, दिल दरिया में प्रेम वारि हो.,
सत्ताच्युत के प्रति सम्मान,रखना सबसे बड़ी बात है.,
सत्तासीनों का सम्मान,करते सब हैं स्वार्थ भाव में.,
सुन्दर बनने की यदि चाह, करो सुन्दरम का अन्वेषण.,
सुन्दर बनने का संकल्प, लेकर बढ़ते रहो निरन्तर.,
बन जाओगे सुन्दर विश्व, यदि संकल्प सदा सुद्रढ़ हो.,
मन में रखना पावन ख्वाब, चलो ख्वाब के संग हमेशा.,
जिन्दा दिल से करना काम,सुन्दर स्वप्न साकार दिखेगा.,
पूजेगा यह सारा विश्व, विश्व चाहता सर्वोत्तम है.,
सुन्दर है पहला सोपान, धीरे-धीरे पहुँच शिखर तक.,
खड़े शिखर पर हैं भगवान,हो जायेगा दर्शन निश्चित.,
निश्चित कर सुन्दर अभ्यास,सुन्दरता जीवन-अभीष्ट हो।
नमस्ते हरिहरपुर से---डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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