"आओ जीवन-पर्व मनायें"
जीवन में खुशियाँ छा जायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
जीने का यह श्रेष्ठ तरीका,
गम भी गमके लगे न फीका,
गम में भी हम खुशी मनायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
जीवन को आसान बनाना,
इसपर माला-फूल चढ़ाना,
इसको सुन्दर देव बनायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
समतावादी मंत्र जाप कर,
तन-मन-उर में नहीं पाप धर,
योगशास्त्र को पढ़ें-पढ़ाएं,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
मन-दिल में उत्साह भरा हो,
सबके प्रति समभाव भरा हो,
स्व अरु पर का भेद मिटायें,
आओ जीवब-पर्व मनायें।
सोचें सुन्दर बोलें उत्तम,
भाषा हो मधुरिम प्रियअनुपम,
शुभ शिवमय संवाद करायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
ममता जागे कटुता भागे,
बढ़े निकटता आगे -आगे,
मन-समाज में प्रीति जगायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
सद्भावों का देखें मेला,
हो आनंदक जीवन खेला,
मन-सरिता में पुष्प खिलायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
काम-क्रोध से खड़े दूर हों,
पर -उपकारी भाव पूर हों,
संवेदन का प्रणय करायें,
आओ जीवन-पर्व मनायें।
लघुता में देखें प्रभुता को,
स्वयं समर्पित मानवता को,
खुद का हम उत्सर्ग रचायें,
आओ जीवब-पर्व मनायें।
नमस्ते हरिहरपुर से---
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।
9838453801
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