"कोरोना"
आज सब जगह कोरोना की चर्चा है,
लगता है मानो गधे के लिए गणित और भौतिकी का पर्चा है,
कुछ पढ़ रहे हैं कुछ रट रहे हैं,
कुछ डट रहे हैं कुछ कट रहे हैं,
सर्वत्र साफ-सफाई की बात हो रही है,
फिनायल का छिड़काव और दवाई चल रही है,
मुँह- नाक पर मास्क है,
अच्छा टास्क है,
लॉक आउट -रेस्टोरेंट होटल स्कूल और सिनेमा हाल हैं,
कर्मकार और उपभोक्ता बेहाल हैं,
कोरोना पर रोना है,
अथवा खुद पर रोना है,
अलगाव बढ़ रहा है,
कोरोना कोसा जा रहा है,
कोरोना की फौज क्रमशः बढ़ रही है,
आबादी भयभीत हो रही है,
लोग तरह-तरह के घरेलू नुस्खे बतला रहे हैं,
भारतीय संस्कृति की याद दिला रहे हैं,
दहशत ज्यादा है,
मास्क बेचनेवालों का फायदा है,
महामारी फैलेगी,
भूखमरी बढ़ेगी,
यह दुर्योग है या संयोगा?
अथवा चीन का दूषित दानवी प्रयोग?
कोरोना!तुम कब मरोगे?
क्या उच्च तापमान पर जरोगे?
तुम चमगादड़ के जूस के विष-जन्तु हो?
अथवा मांसाहार के परिणामी आगन्तु हो?
तुम्हें मारना है मारकर रहेंगे,
तुम्हें कुचलने के लिये आगे बढ़ेंगे,
तुम हारोगे भगोगे,
डरोगे मरोगे,
भारत की विजय होगी,
विषैली दरिंदगी पराजित होगी,
सत्यमेव जयते होगा,
विजयी भव का कमल खिलेगा।
नमस्ते हरिहरपुर से---डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी ।
9838453801
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