"श्री सरस्वती महिमामृतम"
यश वैभव लक्ष्मी शिवा सीता राधा धाम।
हे माता माँ शारदे!दे मन को विश्राम।।
सहज देव प्रिय देव-संपदा। हर ले माता सारी विपदा।।
सदाचारिणी दुनिया हो माँ।भक्तिदायिनी महिमा हो माँ।।
असहज जीवन सरल बनाओ।सुन्दर मन की बात बताओ।।
शव्द नहीं है भाव नहीं है।प्रेम ज्ञान समभाव नहीं है।।
मोहक शव्द भरो माँ भीतर।बनी मोहिनी आ माँ अंदर।।
बनी समत्व योगिनी आ जा।ममता समता बन उर छा जा।।
कृष्ण कन्हैया बनकर आओ।बनी राधिका प्रीति सिखाओ।।
सात्विकता का उपदेशक बन।हो जाये शीतल चन्दन-मन।।
ध्यान ज्ञान में तुम्हीं रहो माँ।हम गायें बस तेरी महिमा।।
सत्य धाम की वासिनि विद्या का वर देहु।
शरणागत हम भक्त को अपनी शरण में लेहु।।
नमस्ते हरिहरपुर से---
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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