।एस के कपूर* *श्री हंस।बरेली।

*होली के रंग(हाइकु)*


होली के रंग
राग  द्वेष  मिटे  ये
गुजिया संग


रंग गुलाल 
सब कुछ धो डाले
मन मलाल


होली दहन
नफरत जला दे
साफ जहन


रंग बरसे
आसमान रंगीन
मन हरषे


रंग चिपटे
लाल नीले पीले ये
गले लिपटे


घृणा दीवार
भरभरा   गिरे ये
गिले हज़ार


सब रंग लो
तन मन दोंनों ही
प्रेम भर लो


होली का पर्व
हर आदमी खेले
भारत  गर्व


*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो 9897071046
     8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...