एस के कपूर श्री हंस बरेली

*अब तक जवान होली है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*



प्रेम का निशान हमारी, पावन होली है।
भाई. चारे की बोलती जवान होली है।।
रंगों  की शीतल    फुहार है   यह होली।
हर दिल में  घुलता , गुलाल  होली  है।।



प्यार  का     बढ़ता     कारवां  होली है।
गिरा दे जो नफरत की दीवार होली है।।
होली तो है दिलों से  दिलों का मिलाप।
कैसे मिटें दूरियाँ जवाब इसका होली है।।



गुज़िया, भंग, तरंग नाम, इसका होली है।
रंगा रंग  रंगों का जमीं ,आसमाँ होली है।।
होली है हर फूल पत्ते ,पर खिलता निखार।
बीत गई सदियां अब, तक जवान होली है।।


*अनंत असीम शुभकामनायों सहित*


*रचयिता।।।।।एस के कपूर श्री हंस।।।।।।*
*पता।।।।  06   पुष्कर एन्क्लेव,*
*टेलीफोन टावर के सामने,*
*स्टेडियम रोड,बरेली 243005*
*मोब   9897071046 ।।।।।।*
*821868 5464  ।।।।।।।।।।।*


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