स्वच्छता
मुक्तक माला
1..............
हर किसी को स्वच्छता के लिए
हिस्सेदारी निभानी होगी।
सफाई घर सड़क दफ्तर की भी
स्वयं ही करानी होगी ।।
न कचरा फेंके और न ही किसी
को दें कहीं फेंकने ।
ये जिम्मेदारी मिल कर हम सब
को ही दिखानी होगी।।
2............
यूँ बढ़ता जा रहा है हर जगह
अम्बार पॉलिथीन का।
हम सब को जरा भी एहसास
नहीं है जुर्म संगीन का।।
यदि यूँ ही करते रहे हम दोहन
प्रक्रति का प्रतिदिन ।
कदापि स्वप्न साकार न होगा
दुनिया रंगीन का ।।
3...........
वृक्ष होते हैं अमृत पुत्र मानो
धरती के श्रृंगार ।
पर्यावरण की रक्षा करते यह
वर्षा के आधार ।।
प्रक्रति से न करें हम सब यूँ
खिलवाड़ अधिक।
अन्यथा रहेगा केवल बाढ़ ओ
सुनामी से ही सरोकार।।
4...............
स्वच्छजल शुद्धवायु साफ़ जगह
ही सबका जवाब है।
निरोगी काया का तो स्वच्छभारत
से ही ख्वाब है।।
आओ सब मिल कर रखें अपने
आस पास को साफ।
हज़ार लाभों वाला यह स्वच्छता अभियान नायाब है।।
*रचयिता।।।।। एस के कपूर श्री हंस।।।।।।।।बरेली।।।।।।।।*
मोब।।।। 9897071046।।।।।।
8218685464।।।।।।।।
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