*इक जंग बन गया है कॅरोना।*
*मुक्तक।*
जिन्दगी जीने का अब इक
ढंग बन गया है कॅरोना।
अब बचाव ही जीवन का
अंग बन गया है कॅरोना।।
सावधानी हटी दुर्घटना घटी के
पीछे पड़ना है हाथ धो कर।
हराना इस महामारी को कि
इक जंग बन गया है कॅरोना।।
*रचयिता।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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