*मन के हारे हार,मन के जीते*
*जीत।मुक्तक।*
मन हार गए तो फिर कोई
जीत पाता नहीं है।
बिना संघर्ष के सफलता
कोई लाता नहीं है।।
मत इंतिज़ार करते रहो कुछ
अच्छा करने को।
बस यही बात समझ लो कल
कभी आता नहीं है।।
*रचयिता।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली।*
मोब 9897071046
8218685464
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