एस के कपूर श्री हंस।* *बरेली।*

*हर भरोसे का वफादार* 
*बनना पड़ता है।मुक्तक।*


मानती दुनिया  उसको  मगर
जिम्मेदार बनना पड़ता है।


चाहती दुनिया दिल से  मगर
दिलदार बनना पड़ता है।।


जगह   बनायो     अपनी हर
दिल अज़ीज़ के  सीने में।


चलेगी दुनिया तेरे पीछे मगर
किरदार बनना पड़ता है।।


*रचयिता।एस के कपूर श्री हंस।*
*बरेली।*
मो  9897071046
      8218685464


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