*जो निभे वही दोस्ती है।*
*मुक्तक।*
दोस्ती की लकीर होती नहीं
बनानी पड़ती है।
प्यार महोब्बत के खाद पानी
से जमानी पड़ती है।।
डालनी पड़ती है जान हर
दोस्ती के अन्दर।
यूँ ही टिकती नहीं कोई दोस्ती
निभानी पड़ती है।।
*रचयिता।एस के कपूर श्री हंस।*
*बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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