एस के कपूर* *श्री हंस।बरेली

*नकारात्मक व्यक्तित्व(हाइकु)*


जरा तिनका
आलपिन सा चुभे
मन  इनका


कोई बात हो
टोका टाकी मुख्य है
दिन रात हो


कोई न आँच
खुद पाक साफ हैं
दूजे को जाँच


खुद बचाव
बहुत  खूब  करें
यह दबाव


दोषारोपण
दक्ष इस काम में
होते निपुण


तर्क वितर्क
काटते उसको हैं
तर्क कुतर्क


कोई न भला
गलती  ढूंढते  हैं
शिकवा गिला


बुद्धि विवेक
और सब अपूर्ण
यही हैं नेक


जल्द आहत
तुरंत  आग  लगे
लो फजीहत


*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो    9897071046
       8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511