*कॅरोना संकट से बेदाग जीत कर*
*आना है।*
*कविता लेखक।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।*
हे मित्र तू मत ही कोशिश कर
बाहर जाने को।
कॅरोना बाहर ही खड़ा आतुर
अंदर आने को।।
हवा बाहर जहरीली कातिल
सी हो गई है।
सब मिल कर घर में रहो बंद
कॅरोना भगाने को।।
पेड़ रहा सलामत तो पत्ते फिर
से निकल आयेंगे।
मिल कर फिर से ही दुनिया में
भारत के गुण आयेंगे।।
यह दौर गुज़र जायेगा बहुत
कुछ सिखा कर हमें।
बहुत सावधानी से कॅरोना से
हम जीत ही जायेंगें।।
हमारी कोशिश और ईश्वर मिल
कर रास्ता निकालेंगे।
पाँव थाम कर घरों में मुसीबत
को जरूर टालेंगे।।
आप अकेले नहीं जुड़ा है पूरा
परिवार आपसे।
इस विकराल स्तिथि में जरूर
खुद को संभालेंगे।।
पूरी दुनिया देख रही हमको
हसरत की निगाहों से।
कैसे बचाते 130 करोड़ उस
अचरज की निगाहों से।।
असफल हो रहे अग्रणी देश इस
विषाणु कॅरोना के आगे।
हमारी नीति नियति को देख रहे
भरसक निगाहों से ।।
सफल होंगें अवश्य हम बन कर
दुनिया के विश्व गुरु।
विकसित देश भारत के पदचिन्हों
पर करेंगें चलना शुरू।।
भारत की जीवन शैली खान पान
बचायेगा इस दुर्जन से।
कहलायेंगे सम्पूर्ण विश्व में एक
उदाहरण श्रेष्ठ गुरु।।
ये समय है अपनों के संग ही वक्त
बिताने का।
कुछ नया सोचने करने और कर
दिखाने का।।
जो अभिरुचियां थी अधूरी उनको
पूरा करने का।
इस कॅरोना संकट से बेदाग जीत
कर आने का।।
*रचयिता।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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